लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ When the download website link presented from the post (सम्पूर्ण शिव चालीसा देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु https://shivchalisalyricsinhindi02942.blogmazing.com/29254411/the-basic-principles-of-shiv-chalisa-lyrics-in-punjabi