त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ मंत्र स्मरण के बाद श्री हनुमान की गुग्गल धूप व दीप से आरती कर प्रसाद ग्रहण करें. श्री हनुमान के चरणों से थोड़ा सा सिंदूर लाकर घर के द्वार या देवालय में स्वस्तिक बनाएं. हनुमान जी की कृपा होगी. यह https://landeniugqz.blog2learn.com/83127120/5-simple-statements-about-hanuman-mantra-explained